Meghadūta mahimā

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Mudraka Pairāmāūṇṭa Pabliśiṅga Hāusa, 1972 - 199 pages

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Contents

Section 1
7
Section 2
9
Section 3
70

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Common terms and phrases

अगले श्लोक में अतः अपनी अपने अब अगले श्लोक अर्थ अर्थात् इति इन्द्र इस इसी उस उसके उसे एक ऐसा कर करके करता करती करते हुए करना करने कवि कवि ने कहता है कि कहते हैं का का वर्णन काम काव्य कि हे मेघ किन्तु किया है किसी की कुछ के कारण के लिए के समान के साथ को कहता है क्योंकि गंगा गया जब जल जाता है जाती जाना जाने जी जैसे जो तब तुम तुम्हारे तुम्हें तो था थे दिया द्वारा धारण नदी नहीं नाम ने पर पर्वत पार्वती प्रतीत प्रिया फिर भाव भी महाकवि कालिदास मार्ग मेघ को कहता मेघदूत यक्ष यक्ष मेघ को यस्य यह यहाँ रघुवंश रूप वर्षा ऋतु वह वहाँ वाली वाले वियोग विष्णु वे शब्द शिव शिवजी संस्कृत सब समय सुन्दर से स्थान हिमालय ही हुआ हुई हुए है और है कि हे हो होकर होगा होता है होती होने

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