संस्कृति के चार अध्यायRājapāla eṇḍa Sanza, 1956 - 679 pages |
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... ये , प्रायः , आदिवासी लोगों से थोड़ी समानता रखते हैं , किन्तु , ये उनसे बिल्कुल भिन्न हैं । विन्ध्याचल के नीचे , सारे दक्षिण भारत में ...
... ये , प्रायः , आदिवासी लोगों से थोड़ी समानता रखते हैं , किन्तु , ये उनसे बिल्कुल भिन्न हैं । विन्ध्याचल के नीचे , सारे दक्षिण भारत में ...
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... ये नये अनुयायी अर्ध - सभ्य और कठोर थे । उनमें वही निर्भयता और शारीरिक शक्ति की अपारता थी जो बर्बर जातियों का प्रधान लक्षण है । इन ...
... ये नये अनुयायी अर्ध - सभ्य और कठोर थे । उनमें वही निर्भयता और शारीरिक शक्ति की अपारता थी जो बर्बर जातियों का प्रधान लक्षण है । इन ...
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... ये लोग , प्रायः , नगर के भीतर बसने नहीं दिये जाते थे और बाहर से जब वे नगर में आने लगते , तब उन्हें फटे हुए बाँस को पटक कर अपने आगमन की ...
... ये लोग , प्रायः , नगर के भीतर बसने नहीं दिये जाते थे और बाहर से जब वे नगर में आने लगते , तब उन्हें फटे हुए बाँस को पटक कर अपने आगमन की ...
Common terms and phrases
अथवा अधिक अनेक अपना अपनी अपने आये आर्य आर्यों इन इस इसलिये इसी इस्लाम ईरान उनका उनकी उनके उन्हें उन्होंने उस उसका उसके उसे एक एवं ओर और कर करते करने कहा का काल किन्तु किया किसी की कुछ के के कारण के बाद के लिये के साथ केवल को कोई क्योंकि गयी गये जनता जब जा जाता है जाति जाने जिस जीवन जैन जो तक तथा तब तो था था कि थी थे दिया दोनों धर्म के नहीं नहीं है नाम ने पर पहले प्रकार प्रभाव फारसी फिर बहुत बात बुद्ध बौद्ध बौद्ध धर्म भारत भारत के भारत में भारतीय भाषा भी मत मनुष्य मुसलमान में में भी यह यहाँ या यूरोप ये रहा रही रहे रामायण रूप लगे लोग लोगों वह वाले वे वेद संस्कृति सकता सभी समय समाज से हम हिन्दुओं हिन्दुत्व हिन्दू ही हुआ हुई हुए है और है कि हैं हो गया होता है होने