संस्कृति के चार अध्यायRājapāla eṇḍa Sanza, 1956 - 679 pages |
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... मनुष्य से यह कहना चाहते थे कि अपने जीवन को बनाने और बिगाड़ने का सारा अधिकार तुम्हारे ही पास है और तुम्हें यह समझ कर काम करना चाहिए ...
... मनुष्य से यह कहना चाहते थे कि अपने जीवन को बनाने और बिगाड़ने का सारा अधिकार तुम्हारे ही पास है और तुम्हें यह समझ कर काम करना चाहिए ...
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... मनुष्य की समकालीन आवश्यकता से जन्म लेता है और उसका उद्देश्य मनुष्यों की जिज्ञासा का समाधान खोजना तथा उन्हें संतुष्ट करना है ...
... मनुष्य की समकालीन आवश्यकता से जन्म लेता है और उसका उद्देश्य मनुष्यों की जिज्ञासा का समाधान खोजना तथा उन्हें संतुष्ट करना है ...
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... मनुष्य के आगे यह प्रश्न नहीं है । प्रश्न यह है कि वैज्ञानिक साधनों के प्रयोग से आदर्श व्यक्ति और आदर्श समाज का निर्माण किस प्रकार ...
... मनुष्य के आगे यह प्रश्न नहीं है । प्रश्न यह है कि वैज्ञानिक साधनों के प्रयोग से आदर्श व्यक्ति और आदर्श समाज का निर्माण किस प्रकार ...
Common terms and phrases
अथवा अधिक अनेक अपना अपनी अपने आये आर्य आर्यों इन इस इसलिये इसी इस्लाम ईरान उनका उनकी उनके उन्हें उन्होंने उस उसका उसके उसे एक एवं ओर और कर करते करने कहा का काल किन्तु किया किसी की कुछ के के कारण के बाद के लिये के साथ केवल को कोई क्योंकि गयी गये जनता जब जा जाता है जाति जाने जिस जीवन जैन जो तक तथा तब तो था था कि थी थे दिया दोनों धर्म के नहीं नहीं है नाम ने पर पहले प्रकार प्रभाव फारसी फिर बहुत बात बुद्ध बौद्ध बौद्ध धर्म भारत भारत के भारत में भारतीय भाषा भी मत मनुष्य मुसलमान में में भी यह यहाँ या यूरोप ये रहा रही रहे रामायण रूप लगे लोग लोगों वह वाले वे वेद संस्कृति सकता सभी समय समाज से हम हिन्दुओं हिन्दुत्व हिन्दू ही हुआ हुई हुए है और है कि हैं हो गया होता है होने