संस्कृति के चार अध्यायRājapāla eṇḍa Sanza, 1956 - 679 pages |
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... फिर बड़े आकाश में मिल जाता है । जिस घड़े का आकाश कर्म की गंध से दूषित है उस आकाश - खंड ( आत्मा ) को फिर किसी दूसरे घड़े में समाना ...
... फिर बड़े आकाश में मिल जाता है । जिस घड़े का आकाश कर्म की गंध से दूषित है उस आकाश - खंड ( आत्मा ) को फिर किसी दूसरे घड़े में समाना ...
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... फिर पुनर्जन्म किसका होता है । इस जिज्ञासा का सम्यक् समाधान बौद्ध दर्शन नहीं दे सका , जिससे उसका अनात्मा - विषयक प्रतिपादन जनता को ...
... फिर पुनर्जन्म किसका होता है । इस जिज्ञासा का सम्यक् समाधान बौद्ध दर्शन नहीं दे सका , जिससे उसका अनात्मा - विषयक प्रतिपादन जनता को ...
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... फिर वापस नहीं लायी जा सकती है । फिर भी , हम सबसे श्रेष्ठ हैं । इस अहंकार की उनमें वृद्धि होती गयी । अलबरूनी ने लिखा है कि " हिन्दू लोग ...
... फिर वापस नहीं लायी जा सकती है । फिर भी , हम सबसे श्रेष्ठ हैं । इस अहंकार की उनमें वृद्धि होती गयी । अलबरूनी ने लिखा है कि " हिन्दू लोग ...
Common terms and phrases
अथवा अधिक अनेक अपना अपनी अपने आये आर्य आर्यों इन इस इसलिये इसी इस्लाम ईरान उनका उनकी उनके उन्हें उन्होंने उस उसका उसके उसे एक एवं ओर और कर करते करने कहा का काल किन्तु किया किसी की कुछ के के कारण के बाद के लिये के साथ केवल को कोई क्योंकि गयी गये जनता जब जा जाता है जाति जाने जिस जीवन जैन जो तक तथा तब तो था था कि थी थे दिया दोनों धर्म के नहीं नहीं है नाम ने पर पहले प्रकार प्रभाव फारसी फिर बहुत बात बुद्ध बौद्ध बौद्ध धर्म भारत भारत के भारत में भारतीय भाषा भी मत मनुष्य मुसलमान में में भी यह यहाँ या यूरोप ये रहा रही रहे रामायण रूप लगे लोग लोगों वह वाले वे वेद संस्कृति सकता सभी समय समाज से हम हिन्दुओं हिन्दुत्व हिन्दू ही हुआ हुई हुए है और है कि हैं हो गया होता है होने