संस्कृति के चार अध्यायRājapāla eṇḍa Sanza, 1956 - 679 pages |
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... तथा तप मार्ग का प्रवर्तक कहा गया है । इन दोनों पुराणों का यह भी कहना है कि दशावतार के पूर्व होने वाले अवतारों में से एक अवतार ऋषभदेव ...
... तथा तप मार्ग का प्रवर्तक कहा गया है । इन दोनों पुराणों का यह भी कहना है कि दशावतार के पूर्व होने वाले अवतारों में से एक अवतार ऋषभदेव ...
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... तथा यह कहते हैं कि जीवन्मुक्त पुरुष ईश्वर - कोटि को प्राप्त करता है । जैनों में भिक्षु और गृहस्थ के बीच की दूरी कम रही । बौद्धों का ...
... तथा यह कहते हैं कि जीवन्मुक्त पुरुष ईश्वर - कोटि को प्राप्त करता है । जैनों में भिक्षु और गृहस्थ के बीच की दूरी कम रही । बौद्धों का ...
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... तथा योग - मार्ग के विकास में भी कितने ही प्रयोग जैन तथा बौद्ध साधुओं ने ही किये । बुद्ध का व्यक्तित्व इस देश में वेद और ब्राह्मण की ...
... तथा योग - मार्ग के विकास में भी कितने ही प्रयोग जैन तथा बौद्ध साधुओं ने ही किये । बुद्ध का व्यक्तित्व इस देश में वेद और ब्राह्मण की ...
Common terms and phrases
अथवा अधिक अनेक अपना अपनी अपने आये आर्य आर्यों इन इस इसलिये इसी इस्लाम ईरान उनका उनकी उनके उन्हें उन्होंने उस उसका उसके उसे एक एवं ओर और कर करते करने कहा का काल किन्तु किया किसी की कुछ के के कारण के बाद के लिये के साथ केवल को कोई क्योंकि गयी गये जनता जब जा जाता है जाति जाने जिस जीवन जैन जो तक तथा तब तो था था कि थी थे दिया दोनों धर्म के नहीं नहीं है नाम ने पर पहले प्रकार प्रभाव फारसी फिर बहुत बात बुद्ध बौद्ध बौद्ध धर्म भारत भारत के भारत में भारतीय भाषा भी मत मनुष्य मुसलमान में में भी यह यहाँ या यूरोप ये रहा रही रहे रामायण रूप लगे लोग लोगों वह वाले वे वेद संस्कृति सकता सभी समय समाज से हम हिन्दुओं हिन्दुत्व हिन्दू ही हुआ हुई हुए है और है कि हैं हो गया होता है होने