संस्कृति के चार अध्यायRājapāla eṇḍa Sanza, 1956 - 679 pages |
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... किया था और लोगों को यह शिक्षा दी थी कि अगर हर तरह से सुखी , संपन्न और विजयी रहना चाहते हो तो देवताओं की प्रसन्नता के लिए यज्ञ करो ...
... किया था और लोगों को यह शिक्षा दी थी कि अगर हर तरह से सुखी , संपन्न और विजयी रहना चाहते हो तो देवताओं की प्रसन्नता के लिए यज्ञ करो ...
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... किया है और कर्मस्वरूप को त्याज्यता का प्रतिपादन किया हैं । सर्व कर्मों के परिभ्रंश को बता कर के नैष्कर्म्य- भावना का मैंने समर्थन किया ...
... किया है और कर्मस्वरूप को त्याज्यता का प्रतिपादन किया हैं । सर्व कर्मों के परिभ्रंश को बता कर के नैष्कर्म्य- भावना का मैंने समर्थन किया ...
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... की प्रामाणि - कता को स्थापित किया , शंकर के माया- सिद्धान्त का खंडन किया , जीवात्मा की अलग सत्ता का प्रतिपादन किया और प्रपत्ति के ...
... की प्रामाणि - कता को स्थापित किया , शंकर के माया- सिद्धान्त का खंडन किया , जीवात्मा की अलग सत्ता का प्रतिपादन किया और प्रपत्ति के ...
Common terms and phrases
अथवा अधिक अनेक अपना अपनी अपने आये आर्य आर्यों इन इस इसलिये इसी इस्लाम ईरान उनका उनकी उनके उन्हें उन्होंने उस उसका उसके उसे एक एवं ओर और कर करते करने कहा का काल किन्तु किया किसी की कुछ के के कारण के बाद के लिये के साथ केवल को कोई क्योंकि गयी गये जनता जब जा जाता है जाति जाने जिस जीवन जैन जो तक तथा तब तो था था कि थी थे दिया दोनों धर्म के नहीं नहीं है नाम ने पर पहले प्रकार प्रभाव फारसी फिर बहुत बात बुद्ध बौद्ध बौद्ध धर्म भारत भारत के भारत में भारतीय भाषा भी मत मनुष्य मुसलमान में में भी यह यहाँ या यूरोप ये रहा रही रहे रामायण रूप लगे लोग लोगों वह वाले वे वेद संस्कृति सकता सभी समय समाज से हम हिन्दुओं हिन्दुत्व हिन्दू ही हुआ हुई हुए है और है कि हैं हो गया होता है होने