संस्कृति के चार अध्यायRājapāla eṇḍa Sanza, 1956 - 679 pages |
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... कहा - " मालुंक्यपुत्त ! मैंने कब तुमसे कहा था कि मैं तुम्हें ऐसे प्रश्नों के उत्तर दूंगा ? तुम्हारा यह प्रश्न तो उस व्यक्ति के ...
... कहा - " मालुंक्यपुत्त ! मैंने कब तुमसे कहा था कि मैं तुम्हें ऐसे प्रश्नों के उत्तर दूंगा ? तुम्हारा यह प्रश्न तो उस व्यक्ति के ...
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... कहे , सहज न चीन्हें कोइ , जिन सहजै विषया तजी , सहज कहावै सोइ । सहज ... कहा है कि , साधो , सहज समाधि भली । गुरु प्रताप जा दिन ते लागी , जुग ...
... कहे , सहज न चीन्हें कोइ , जिन सहजै विषया तजी , सहज कहावै सोइ । सहज ... कहा है कि , साधो , सहज समाधि भली । गुरु प्रताप जा दिन ते लागी , जुग ...
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... कहा करते हैं कि इश्क - मजाजी इश्क- हक़ीक़ी का सोपान है , उसकी परंपरा भी पीछे की ओर काफी दूर तक पहुँचती है । ईसाई सन्त मसीह का अल्लाह ...
... कहा करते हैं कि इश्क - मजाजी इश्क- हक़ीक़ी का सोपान है , उसकी परंपरा भी पीछे की ओर काफी दूर तक पहुँचती है । ईसाई सन्त मसीह का अल्लाह ...
Common terms and phrases
अथवा अधिक अनेक अपना अपनी अपने आये आर्य आर्यों इन इस इसलिये इसी इस्लाम ईरान उनका उनकी उनके उन्हें उन्होंने उस उसका उसके उसे एक एवं ओर और कर करते करने कहा का काल किन्तु किया किसी की कुछ के के कारण के बाद के लिये के साथ केवल को कोई क्योंकि गयी गये जनता जब जा जाता है जाति जाने जिस जीवन जैन जो तक तथा तब तो था था कि थी थे दिया दोनों धर्म के नहीं नहीं है नाम ने पर पहले प्रकार प्रभाव फारसी फिर बहुत बात बुद्ध बौद्ध बौद्ध धर्म भारत भारत के भारत में भारतीय भाषा भी मत मनुष्य मुसलमान में में भी यह यहाँ या यूरोप ये रहा रही रहे रामायण रूप लगे लोग लोगों वह वाले वे वेद संस्कृति सकता सभी समय समाज से हम हिन्दुओं हिन्दुत्व हिन्दू ही हुआ हुई हुए है और है कि हैं हो गया होता है होने