Rája-nítí: a collection of Hindu apologues, in the Braj Bháshá language : with a preface, notes, and supplemental glossaryPresbyterian Mission Press, 1854 - 191 pages |
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... नाहिं । मैं केवल तोहि दुखी जानि देतु हौं । श्री कृष्णचंद ने ह राजा युधिष्ठिर तें कहा है कि दान दरिद्री को दीजै तौ अधिक फल होय ...
... नाहिं । मैं केवल तोहि दुखी जानि देतु हौं । श्री कृष्णचंद ने ह राजा युधिष्ठिर तें कहा है कि दान दरिद्री को दीजै तौ अधिक फल होय ...
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... नाहिं । कया है जिन कृष्णा न राखी कान्ह की सेवा न करी अधोन बचन न भाषे बिरह की पीर न सही अधीरता न की ऐसे पुरुषनि तें सैौ जोजन धन दूर ...
... नाहिं । कया है जिन कृष्णा न राखी कान्ह की सेवा न करी अधोन बचन न भाषे बिरह की पीर न सही अधीरता न की ऐसे पुरुषनि तें सैौ जोजन धन दूर ...
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... नाहिं । यह के ई श्रावतु है । तब काग बोल्यो भाई कछु भय ना सब निकर बैठी । यह सुनि वे ऊ निकसि आये तीनों मिल बैठे । हिरन इनके पास आया । तब ...
... नाहिं । यह के ई श्रावतु है । तब काग बोल्यो भाई कछु भय ना सब निकर बैठी । यह सुनि वे ऊ निकसि आये तीनों मिल बैठे । हिरन इनके पास आया । तब ...
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... नाहिं । तब कहनि लाग्यो कि मोहि ऐसौ करनों उचित न हो जो हाथ की छोरि बार की धायौ । कया है अति लालच नीकी नाहीं ' । जैसा मृग की लोभ किया ...
... नाहिं । तब कहनि लाग्यो कि मोहि ऐसौ करनों उचित न हो जो हाथ की छोरि बार की धायौ । कया है अति लालच नीकी नाहीं ' । जैसा मृग की लोभ किया ...
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... नाहिं । दमनक कही मित्र तुम यह बात जिन कई मनकामना पूरन होय । छत्र चमर गज श्रश्व श्रादि सब कया है बड़ा जतन करि भला ठाकर सेइये जा ཀ ...
... नाहिं । दमनक कही मित्र तुम यह बात जिन कई मनकामना पूरन होय । छत्र चमर गज श्रश्व श्रादि सब कया है बड़ा जतन करि भला ठाकर सेइये जा ཀ ...
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Common terms and phrases
अति अब अरु आपने इतनी इन उन उनि उपाय ऐसें और कछु कर करतु करि करे कहतु है कहनि कहा कहि कही का है काग काज काम काह किया की के कैसी कथा है को को है कोऊ कौ कौं क्योंकि खामी गया घर जब जा जाय जिन जैसें जो तद तब तहां ता तातें ताहि तुम तू ते तें तैसें तो तौ दमनक दुख देखि धन धर्म न होय नाम नाहिं नाहीं निज ने नें पर पाय पुनि पै बन बहुरि बिचारि बिन बोल्यो भांति भाई मंत्री मन में महाराज मांहिं मित्र मूसा में मेरी मेरे मैं मोहि यह यह कैसी कथा यह बात यह सुनि या यातें याहि ये रहे राज राजा लाग्यो ले वह वा वा नें वाकी वाके वाहि श्री सब साथ सिंह सुख से सेवक सो सों स्त्री स्यार हंस हम हाथ ही हीं है कि है जो हैं हो होय name